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Udaipur Murder Case
राजस्थान के उदयपुर(Udaipur Murder Case) में हत्यारों ने कन्हैयालाल पर धारदार हथियार से वार करना शुरू किया तो वहां भगदड़ मच गई। दुकान और आसपास मौजूद लोगों को यह समझने का मौका ही नहीं मिला कि हुआ क्या है? लेकिन, हमले के दौरान वहां एक शख्स था जो कन्हैया को बचाने के लिए हत्यारों से बुरी तरह भिड़ गया। इसके बाद हमलावरों ने उस पर भी कई वार किए, सिर में गंभीर चोट लगने से वह बेसुध हो गया और हत्यारों ने कन्हैया का गला काट दिया। कन्हैया के बचाने के लिए हमलावरों से भिड़ने वाले शख्स का नाम ईश्वर सिंह गौड़ है। गंभीर चोट लगने से उनके सिर में 16 टांके आए हैं। महाराणा भूपाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत में सुधार है। जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएंगी
अशोक गहलोत ने मुलाकात की हॉस्पिटल में
गुरुवार को मृतक कन्हैयालाल के परिजनों से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईश्वर गौड़ से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ईश्वर से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकरी ली। साथ ही मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपये देने का भी एलान किया था।
शुक्रवार को वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ईश्वर सिंह और उनके परिजन से मिलने अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने परिजनों को पांच लाख रुपये का चेक दिया और कहा- डरने की जरूरत नहीं है, सरकार आपके साथ है। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बुनकर भी मौजूद थे।
हत्यारों ने कन्हैयालाल पर किए थे कई वार
उदयपुर के धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र में रहने वाले कन्हैयालाल दर्जी थे और यहां अपनी दुकान चलाते थे। मंगलवार को दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने दर्जी की दुकान पर पहुंचे और उस पर धारदार हथियार से वार करना शुरू कर दिया। ताबड़तोड़ हमलों ने उसे संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई।
दावत-ए-इस्लामी ने कहा- आतंकी गतिविधि से हमारा नहीं कोई संबंध
पाकिस्तान का सबसे बड़ा सुन्नी/बरेलवी मुस्लिम संगठन दावत-ए-इस्लामी भारत में राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के बाद चर्चा में है। उसने किसी भी आतंकवादी गतिविधि से संबंध से साफ इनकार करते हुए कहा, वह केवल शैक्षिक, मिशनरी और चैरिटी संस्था है, जो शांति का प्रचार करती है। उदयपुर में नृशंस हत्या करने वाले दो में से एक व्यक्ति दावत-ए-इस्लामी से प्रेरित था। वह 2014 में कराची भी आया था। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची के गुलशन-ए-इकबाल इलाके में स्थित मुख्यालय (फैजान-ए-मदीना) के वरिष्ठ पदाधिकारी मौलाना महमूद कादरी ने किसी भी आतंकवादी गतिविधि से संबंध से इनकार कर दिया।
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